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पेल ब्लू डॉट

लक्ष्मण कुमार Lakshman kumar

पेल ब्लू डॉट (अंग्रेज़ी: Pale Blue Dot) पृथ्वी की एक तस्वीर है जो १४ फरवरी १९९० को वॉयेजर-१ अंतरिक्ष शोध यान द्वारा 6 अरब किलोमीटर की रिकॉर्ड दूरी से ली गई थी।[1]

6 अरब किलोमीटर की दूरी से लिए गए इस चित्र में पृथ्वी एक छोटे से बिन्दु (दाएं तरह के भूरे बंद के मध्य में नीले-सफेद रंग का दाग) की तरह नजर आती है

इस तस्वीर में पृथ्वी का कोणीय व्यास एक पिक्सल से भी कम है।

कुछ विचार

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अपनी 1994 की पुस्तक, पेल ब्लू डॉट में, कार्ल सेगन ने टिप्पणी की कि वह तस्वीर के अधिक महत्व के रूप में क्या देखता है, लिख रहा है:

उस बिंदु पर फिर से एक नज़र डालो। वह हमारा घर है, हमारी धरती है। हर इंसान जिसे तुम प्यार करते हो, जिसे तुम जानते हो, जिसके बारे में तुमने सुना है, वह जो कभी पैदा हुआ, उसने इसी बिंदु पर पूरा जीवन बिताया। हमारे सारे सुख-दुःख, हज़ारों धर्म और मान्यताएँ, हर एक शिकारी, जाँबाज़ और कायर, हर राजा और किसान, प्रेम में डूबा हर जवान जोड़ा, हर माता और पिता, उम्मीदों से भरा हुआ हर बच्चा और वैज्ञानिक, पढ़ाने वाला हर शिक्षक, हर भ्रष्ट नेता, हर ‘सुपरस्टार’, हमारे इतिहास का हर संत और पापी वहीं जिया-सूर्य की एक किरण में तैरते हुए धूल के उस कण पर।

इस विशाल ब्रह्माण्ड में हमारी पृथ्वी एक बहुत ही छोटी जगह है। अनगिनत इंसानों की उन हत्याओं के बारे में सोचो जो उन सेनापतियों और शहंशाहों ने की, ताकि अपनी शान और जीत में वे इस बिंदु के किसी छोटे से हिस्से के कुछ पलों के लिए मालिक बन सकें। उन अनगिनत अत्याचारों के बारे में सोचो, जो इस बिंदु के एक कोने में रहने वाले लोगों ने किसी दूसरे कोने पर रह रहे अपने ही जैसे लोगों पर किए। हमारी कितनी ग़लतफ़हमियाँ हैं, एक दूसरे को मार डालने का कितना उतावलापन है, दूसरे इंसानों के प्रति कितनी नफ़रत है! हम इंसानों के ढकोसले, हमारा घमंड, हमारा यह भ्रम कि समूचे ब्रह्मांड में हम लोगों का एक ख़ास स्थान है, इन तमाम बातों को यह धुंधला प्रकाश बिंदु चुनौती देता है। हमारा ग्रह ब्रह्माण्ड के इस घने अंधेरे में छोटा-सा अकेला धब्बा है। ब्रह्माण्ड की इस विशालता में ऐसा कोई संकेत नहीं कि हमारी दुनिया को हमारी बुराइयों से बचाने के लिए दूसरे ग्रह से कोई आएगा। अभी तक ज्ञात ग्रहों में केवल पृथ्वी ही है जिसमें जीवन है। ऐसी दूसरी कोई जगह नहीं है जहाँ निकट भविष्य में हम रह सकें। शायद हम दूसरे ग्रहों को देखने जा पाएँ। पर वहाँ बसना फ़िलहाल हमारी पहुँच से बहुत दूर है। हमें अच्छा लगे या न लगे, पर अभी के लिए केवल पृथ्वी ही वह जगह है जहाँ हम रह सकते हैं। ऐसा कहा गया है कि खगोलविज्ञान एक विनम्र करने वाला और बेहतर इंसान बनाने वाला अनुभव होता है। हमारे घमंडों की मूर्खता का हमारी इस छोटी-सी दुनिया की इस तस्वीर से बेहतर शायद ही कोई और सबूत हो। यह मुझे एक दूसरे के प्रति और अधिक दयालु होने की ज़िम्मेदारी की याद दिलाता है, और हमारे इस धुंधले नीले धब्बे को बचाने और सँवारने की भी, जो हमारा एकमात्र घर है।

—कार्ल सेगन[2][3]
  1. "'Pale Blue Dot' Images Turn 25". नासा (अंग्रेज़ी में). नासा. 12 फरबरी 2015. मूल से 3 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 अप्रैल 2016. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. Sagan, Carl (1997). Pale Blue Dot. United States: Random House USA Inc. पृ॰ 6-7. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780345376596.
  3. Carl Sagan, Pale Blue Dot, p. 6, गूगल बुक्स पर