स्थानीय मुद्दे, लोकल लीडरशिप… मोदी का कम प्रचार भी हरियाणा में कमल खिलाने में रहा असरदार
हरियाणा और जम्मू कश्मीर दोनों ही राज्यों में विधानसभा की 90 सीटें हैं। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान किया जाएगा। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे व अंतिम चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। वहीं हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान होगा। दोनों ही राज्यों में नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कुल 88,66,704 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। कुल वोटर्स में से 75,834 सर्विस वोटर्स हैं जबकि 87,90,870 जनरल वोटर्स हैं। वहीं हरियाणा में जनरल वोटर्स की संख्या- 2,01,90,184 है। यहां सर्विस वोटर्स- 1,10,071 हैं। इस प्रकार राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या- 2,03,00,255 है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बीजेपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी प्रमुख दल हैं। वहीं हरियाणा में बीजेपी, कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। इसके अलावा जननायक जनता पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है।