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नियंत्रक प्रणाली

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किसी तन्त्र के ऑउटपुट या अवस्था-चरों (स्टेट-वैरिएबल्स) को आवश्यकतानुसार बनाये रखने (या परिवर्तित करने) के लिये जो कुछ अतिरिक्त व्यवस्था की जाती है उसे नियन्त्रण प्रणाली (control system) कहते हैं। जिस मूल तन्त्र के ऑउटपुट को नियंत्रित करना होता है, उसे संयंत्र (प्लान्ट) या नियंत्रित तन्त्र कहते हैं। नियन्त्रण प्रणाली, संयंत्र के ऑउटपुट या स्टेट-चरों के मान पर लगातार नजर रखती है तथा संयंत्र के इन्पुट को इस प्रकार बदलती रहती है कि ऑउटपुट वैसा ही बने रहें या वैसे ही बदलें जैसा वांछित हो ।

प्रकार

  • क्रमिक नियंत्रण (सेक्वेन्शियल कन्ट्रोल) - इसमें नियंत्रण प्रणाली का कार्य, विविध कार्यों को उचित क्रम में लागू करना होता है।
  • प्रतिपूर्ति नियंत्रण या फीडबैक कन्ट्रोल - इसमें ऑउटपुट को इष्ट (रिफरेन्स) से तुलना करके इन्पुट की सही ढंग से बदला जाता है ताकि ऑउट्पुट, रिफरेंस के अनुरूप, जैसी जरूरत हो, बदले या स्थिर रहे।
  • फजी (Fuzy) नियंत्रण

इसी प्रकार नियंत्रण प्रणाली एनालॉग या डिजिटल हो सकती है। रेखीय या अरेखीय हो सकती है।

प्रतिपूर्ति नियंत्रण प्रणाली के प्रमुख घटक

  • संसूचक (ऑउटपुट सेंसर)
  • तुलनाकार, त्रुटि-प्रवर्धक या एरर-एम्प्लिफायर
  • नियंत्रक या कम्पन्सेटर ( Controller or compensator) या नियंत्रण का अल्गोरिद्म (डिजिटल कन्ट्रोल की दशा में, अर्थात जब नियंत्रक, सॉफ्टवेयर में इम्प्लीमेन्ट किया गया हो)

वाह्य सूत्र