साथिया (2002 फ़िल्म)
साथिया | |
---|---|
साथिया का पोस्टर | |
निर्देशक | शाद अली[1] |
लेखक | गुलज़ार (संवाद) |
पटकथा | मणिरत्नम |
निर्माता |
मणिरत्नम बॉबी बेदी |
अभिनेता |
विवेक ओबेरॉय रानी मुखर्जी |
संगीतकार | ए॰ आर॰ रहमान |
वितरक | यश राज फ़िल्म्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
20 दिसंबर, 2002 |
लम्बाई |
138 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
साथिया 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शाद अली द्वारा निर्देशित और मणिरत्नम द्वारा निर्मित रूमानी नाट्य फिल्म है। यह तमिल फिल्म अलाईपयुथे (2000) की रीमेक है।[2] इसमें रानी मुखर्जी और विवेक ओबेरॉय मुख्य भूमिकाओं में हैं। उनके साथ संध्या मृदुल, तनुजा, स्वरूप संपत, सतीश शाह, शरत सक्सेना और कुणाल कुमार हैं।
साथिया आदित्य और सुहानी के इर्द-गिर्द घूमती है। वह अपने माता-पिता के विरोध के बावजूद भाग जाते हैं और शादी कर लेते हैं। फिल्म का संगीत ए॰ आर॰ रहमान ने तैयार किया था, जबकि गीत गुलज़ार ने लिखे थे। छायांकन अनिल मेहता ने किया है। यह फिल्म ₹29 करोड़ की कमाई के साथ सफल रही थी। इसने कई पुरस्कार भी प्राप्त किये।
संक्षेप
[संपादित करें]फिल्म की शुरुआत में आदित्य सहगल (विवेक ओबेरॉय) और उसके दोस्त आदित्य की पत्नी सुहानी सहगल (रानी मुखर्जी) की तलाश कर रहे होते हैं। वह आदित्य के साथ लगातार होते झगड़ों के कारण चली जाती है। हालांकि, आदित्य को एहसास होता है कि वह उससे बहुत प्यार करता है। फिल्म अब पीछे की कहानी में चली जाती है।
आदित्य और सुहानी एक शादी में मिलते हैं। आदित्य तुरंत उससे प्यार करने लगता है और उसको लुभाने की कोशिश करता है। हालांकि, सुहानी का मानना है कि वह बस ऐसे ही बोलता है। हालांकि बाद में उसे पता चलता है कि वह उससे प्यार करने लगी है। हालांकि, आदित्य की समृद्ध जीवनशैली और सुहानी की मध्यम-वर्गीय जीवनशैली उनके माता-पिता के बीच दरार पैदा करती है। आदित्य के पिता ओम सहगल (सतीश शाह) सुहानी के पिता (शरत सक्सेना) का अपमान करते हैं। बहरहाल, आदित्य और सुहानी भाग जाते हैं और गुप्त रूप से शादी कर लेते हैं। हालांकि, बाद में सुहानी घर पर बताती है कि वह शादीशुदा है। इसके कारण उसे उसके घर से निकाल दिया जाता है। उसी समय, आदित्य के माता-पिता को शादी के बारे में पता चल जाता है और वे भी आदित्य को घर से निकाल देते हैं। आदित्य और सुहानी अपने माता-पिता से नाता तोड़कर एक छोटे से घर में अपनी शादीशुदा ज़िंदगी शुरू करने का फ़ैसला करते हैं।
हालाँकि, आदित्य और सुहानी के बीच गलतफहमी हो जाती है। सुहानी आदित्य पर किसी और के साथ संबंध होने का आरोप लगाती है, जिससे दोनों के बीच बहस होने लगती है। कुछ घंटों बाद, घर लौटते समय सुहानी की एक कार दुर्घटना हो जाती है। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो जाती है। बाद में फिर आदित्य को बताया जाता है कि सुहानी का एक्सीडेंट हो गया है और वह गंभीर हालत में अस्पताल के आईसीयू में है। आदित्य अस्पताल पहुँचता है और उसे पता चलता है कि सुहानी का नाम किसी दूसरे नाम से दर्ज है। आईएएस अधिकारी यशवंत राव (शाहरुख़ ख़ान) आदित्य को बताता है कि उसके कारण ये दुर्घटना हुई है और उसने ही सुहानी को अस्पताल में भर्ती कराया है। आदित्य यशवंत को धमकाता है और वहाँ से चला जाता है। हालाँकि उसे यशवंत की पत्नी सावित्री (तबु) से पता चलता है कि दुर्घटना की वजह वह है और यशवंत ने सिर्फ़ उसे बचाने की कोशिश करते हुए सारा दोष अपने ऊपर ले लिया है। आखिरकार सुहानी को होश आ जाता है और आदित्य उसके पास दौड़कर जाता है और उसे अपनी पीड़ा बताता है। सुहानी आदित्य के प्रति अपनी भावनाओं का इज़हार करती है और दोनों गले मिलते हैं।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- विवेक ओबेरॉय — आदित्य
- रानी मुखर्जी — सुहानी शर्मा
- कुणाल कुमार — भास्कर
- संध्या मृदुल — दीना शर्मा, सुहानी की बहन
- शरत सक्सेना — चन्द्रप्रकाश, सुहानी के पिता
- तनुजा — शोभना, सुहानी की माता
- सतीश शाह — ओम, आदित्य के पिता
- स्वरूप संपत — शान्ति, आदित्य की माता
- अंजू महेन्द्रू — प्रेमा
- आदित्य श्रीवास्तव — एसीपी
- टिन्नू आनन्द — दारूवाला
- दीपराज राणा — इंस्पेक्टर
- जया भट्टाचार्य — विद्या
- विशेष उपस्थिति
- शाहरुख़ ख़ान — यशवंत राव
- तबु — सावित्री राव
- शमिता शेट्टी — "चोरी पे चोरी" गीत में
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत गुलज़ार द्वारा लिखित; सारा संगीत ए॰ आर॰ रहमान द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "साथिया" | सोनू निगम | 5:57 |
2. | "छलका छलका रे" | महालक्ष्मी अय्यर, ऋचा शर्मा, वैशाली, शोमा | 5:46 |
3. | "ए उड़ी उड़ी उड़ी" | अदनान सामी | 4:36 |
4. | "चुपके से" | साधना सरगम, मुर्तुज़ा, क़ादिर | 6:04 |
5. | "ओ हमदम सुनियो रे" | कुणाल गांजावाला, केके, शान | 3:57 |
6. | "मेरे यार मिला दे" | ए॰ आर॰ रहमान | 5:43 |
7. | "नैना मिलाइके" | साधना सरगम, मधुश्री | 5:15 |
8. | "मंगलायम" | श्रीनिवास, कुणाल गांजावाला, केके, शान | 1:44 |
9. | "चोरी पे चोरी" | आशा भोंसले, कार्तिक | 5:01 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
---|---|---|---|
2003 | विवेक ओबेरॉय | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित |
रानी मुखर्जी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
रानी मुखर्जी (कंपनी के लिए मनीषा कोइराला के साथ साझा) | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार — आलोचक | जीत | |
ए॰ आर॰ रहमान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | जीत | |
गुलज़ार ("साथिया") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | जीत | |
सोनू निगम ("साथिया") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | जीत | |
मणिरत्नम | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पटकथा पुरस्कार | जीत | |
गुलज़ार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार | जीत |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Tabu: 'साथिया' के बाद शाहरुख खान के साथ तब्बू ने क्यों नहीं कीं फिल्में? अभिनेत्री ने किया वजह का खुलासा". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 2 सितम्बर 2024.
- ↑ "21 Years Of Saathiya: The Unforgettable Day Vivek Oberoi's Shoot Came to a Standstill Amid Fan Frenzy!". टाइम्स नाउ (अंग्रेज़ी में). 20 दिसम्बर 2023. अभिगमन तिथि 2 सितम्बर 2024.