International Journal of Multidisciplinary Education and Research, 2019
प्रारम्भिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण हेतु शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम है।... more प्रारम्भिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण हेतु शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम है। यह अधिकार शिक्षा हासिल करने को हर बच्चें का अधिकार बनाता है। यह अधिकार सभी सम्बन्धित सरकारों के लिए सुनिश्चित करना बाध्यकारी करता है कि हर बच्चा अनिवार्य एवं मुक्त शिक्षा ग्रहण करें। शिक्षा के अधिकार अधिनियम में वंचित वर्ग के बच्चों के लिए विशेष प्रावधान किये गये है। सभी निजी शिक्षण संस्थानों को अपने यहां 25 फीसदी सीटें कमजोर तबके के बच्चों के लिए रखना अनिवार्य किया गया है। इस संवैधानिक सच के उलट वास्तविकता कुछ और बयां करती है। जहां एक ओर बच्चों का विद्यालय से बाहर होना अधिकार अधिनियम पर प्रश्न चिन्ह लगाता है, वही यह भी प्रश्न उठता है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम व्यावहारिकता की कसौटी पर खरा क्यों नही उतर पा रहा है? शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्कूलों की संख्या और उसमें दाखिलें में भारी बढ़ोत्तरी हुई है, पर शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट हुई है। वंचित वर्ग के बच्चों की स्कूल छोड़ने की दर लगातार जारी है। अधिनियम में उल्लिखित छात्र-शिक्षक अनुपात, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बीच में स्कूल छोड़ने की स्थिति, सही ढ़ग से अधिनियम का क्रियान्वयन न हो पाना, समुदाय एवं पंचायती राज की निष्क्रिय भागीदारी आदि शिक्षा अधिकार अधिनियम के सफल होने में चुनौतियां बनी हुई है। मूल शब्दरू शिक्षा अधिकार अधिनियम एवं अपवंचित विद्यार्थी।
The International Journal of Advanced Research in Multidisciplinary Science, 2019
वर्तमान समय में शिक्षक शिक्षा अन्य व्यावसायिक शिक्षा की तरह महंगी एंव निजीकरण की ओर अग्रसर हैं। श... more वर्तमान समय में शिक्षक शिक्षा अन्य व्यावसायिक शिक्षा की तरह महंगी एंव निजीकरण की ओर अग्रसर हैं। शिक्षक शिक्षा का निजीकरण अवने आप में अनेक सवाल पैदा कर रही हैं जो शिक्षक शिक्षा के लिए लाभ से ज्यादा हानिकारक साबित हो रही हैं। व्यवसायीकरण ने शिक्षक शिक्षा को बाजार के हवाले कर मुनाफा कमाने का व्यवसाय बन चुका हैं। कुकुरमुत्तो की तरह उग चुके शिक्षक शिक्षा संस्थान निजीकरण एंव व्यवसायीकरण के प्रवाह में अग्रसर हैं जो शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता एंव सार्थकता को प्रभावित कर रहे हैं। संकेत शब्द- शिक्षक शिक्षा, शिक्षा का निजीकरण, गुणवत्ता एवं शैक्षिक व्यवसायीकरण।
International Journal of Advanced Education and Research, 2019
Quality has become the global perspective in each field of development. Quality is defined as del... more Quality has become the global perspective in each field of development. Quality is defined as delighting the customer by continuous meeting and improving upon agreed requirement. India is a developing country in the world and providing the mass education at elementary and higher education. Teacher education system is an important vehicle to improve the quality of education. Therefore, teacher preparation needs to give more thinking into the different roles a teacher needs to meet the new challenges in the information society. After Independent the emerging socioeconomic and political situations influenced the national scenario of Teacher Education. The Government of India setup different Committees and Commissions for addressing to the specific issues of Teacher Education. A large number of teachers were found untrained and attempt was made to clear the backlog. The main concerns of teacher education were pertaining to both quality and quantity.
The present study was aimed to see the relationship of cultural activities of college students wi... more The present study was aimed to see the relationship of cultural activities of college students with the brain hemisphere domination. For the present study 120 boys and girls from age group of 20 to 30 years respectively were selected from various department of Pt. RSS University, Raipur. The researcher was used Brain Dominant Hemisphere Test (B.H.D.T) prepared by Agashe and Helode (2007). Cultural inventory prepared by self-made was used. Statistical technique Pearson's correlation coefficient was used. The researcher found that the there is no relationship with brain hemisphere domination and cultural activities of college students.
शिक्षा व्यक्ति की अंतनिर्हित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रकिया है। यह प्रक्... more शिक्षा व्यक्ति की अंतनिर्हित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रकिया है। यह प्रक्रिया उसे समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। प्रमस्तिष्क का अर्थ मस्तिष्क तन्तुओं के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का नियंत्रण केन्द्र है। मस्तिष्क के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगो के कार्यों का नियंत्रण एवं नियमन होता है। वृहद मस्तिष्क के दो भाग होते है- बायां भाग तथा दायाँ भाग इसको प्रमस्तिष्क की संप्रभुता कहा जाता है। पाठ्य सहगामी गतिविधियों विद्यार्थियों के बौद्धिक, भावात्मक, सामाजिक, नैतिक और सौन्दर्यात्मक विकास में अहम् भूमिका निभाते है। ये गतिविधियों विद्यार्थियों को खेल अभिनय गायन, पाठ याचन व परिचर्चा आदि में भागीदारी हेतु प्रोत्साहित करती है तथा सामाजीकरण, आत्म-अनुशासन व आत्म-मूल्यांकन का मार्ग प्रशस्त करती है। प्रस्तुत शोध अध्ययन में विधार्थियों के प्रमस्तिष्क की संप्रभुता एंव पाठ्य सहगामी क्रियाओं में सहभागिता के मध्य कोई सम्बन्ध नहीं पाया गया है। Keywords: प्रमस्तिष्क की सम्प्रभुता एवं पाठ्य सहगामी क्रियाएं।
The present study was conducted to assess the correlation between home environment and adjustment... more The present study was conducted to assess the correlation between home environment and adjustment of adolescent students of Raipur City. A sample of 120 students, age group between 13-18 years had been taken from randomly selected schools, out of which 8 secondary schools. The sample was collected by using simple random sampling technique. Descriptive survey method was used to collect data. The tools used for this study were (1) Home Environment Scale developed by A. Akhtar and S. B. Saxena (2011) and (2) Adjustment Inventory developed by A K Singh and A. Sen Gupta. After the data analysis and interpretation it is concluded that, there were found a good correlation between adjustment problems on all dimension of home environment.
International Journal of Multidisciplinary Education and Research, 2019
प्रारम्भिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण हेतु शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम है।... more प्रारम्भिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण हेतु शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम है। यह अधिकार शिक्षा हासिल करने को हर बच्चें का अधिकार बनाता है। यह अधिकार सभी सम्बन्धित सरकारों के लिए सुनिश्चित करना बाध्यकारी करता है कि हर बच्चा अनिवार्य एवं मुक्त शिक्षा ग्रहण करें। शिक्षा के अधिकार अधिनियम में वंचित वर्ग के बच्चों के लिए विशेष प्रावधान किये गये है। सभी निजी शिक्षण संस्थानों को अपने यहां 25 फीसदी सीटें कमजोर तबके के बच्चों के लिए रखना अनिवार्य किया गया है। इस संवैधानिक सच के उलट वास्तविकता कुछ और बयां करती है। जहां एक ओर बच्चों का विद्यालय से बाहर होना अधिकार अधिनियम पर प्रश्न चिन्ह लगाता है, वही यह भी प्रश्न उठता है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम व्यावहारिकता की कसौटी पर खरा क्यों नही उतर पा रहा है? शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्कूलों की संख्या और उसमें दाखिलें में भारी बढ़ोत्तरी हुई है, पर शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट हुई है। वंचित वर्ग के बच्चों की स्कूल छोड़ने की दर लगातार जारी है। अधिनियम में उल्लिखित छात्र-शिक्षक अनुपात, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बीच में स्कूल छोड़ने की स्थिति, सही ढ़ग से अधिनियम का क्रियान्वयन न हो पाना, समुदाय एवं पंचायती राज की निष्क्रिय भागीदारी आदि शिक्षा अधिकार अधिनियम के सफल होने में चुनौतियां बनी हुई है। मूल शब्दरू शिक्षा अधिकार अधिनियम एवं अपवंचित विद्यार्थी।
The International Journal of Advanced Research in Multidisciplinary Science, 2019
वर्तमान समय में शिक्षक शिक्षा अन्य व्यावसायिक शिक्षा की तरह महंगी एंव निजीकरण की ओर अग्रसर हैं। श... more वर्तमान समय में शिक्षक शिक्षा अन्य व्यावसायिक शिक्षा की तरह महंगी एंव निजीकरण की ओर अग्रसर हैं। शिक्षक शिक्षा का निजीकरण अवने आप में अनेक सवाल पैदा कर रही हैं जो शिक्षक शिक्षा के लिए लाभ से ज्यादा हानिकारक साबित हो रही हैं। व्यवसायीकरण ने शिक्षक शिक्षा को बाजार के हवाले कर मुनाफा कमाने का व्यवसाय बन चुका हैं। कुकुरमुत्तो की तरह उग चुके शिक्षक शिक्षा संस्थान निजीकरण एंव व्यवसायीकरण के प्रवाह में अग्रसर हैं जो शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता एंव सार्थकता को प्रभावित कर रहे हैं। संकेत शब्द- शिक्षक शिक्षा, शिक्षा का निजीकरण, गुणवत्ता एवं शैक्षिक व्यवसायीकरण।
International Journal of Advanced Education and Research, 2019
Quality has become the global perspective in each field of development. Quality is defined as del... more Quality has become the global perspective in each field of development. Quality is defined as delighting the customer by continuous meeting and improving upon agreed requirement. India is a developing country in the world and providing the mass education at elementary and higher education. Teacher education system is an important vehicle to improve the quality of education. Therefore, teacher preparation needs to give more thinking into the different roles a teacher needs to meet the new challenges in the information society. After Independent the emerging socioeconomic and political situations influenced the national scenario of Teacher Education. The Government of India setup different Committees and Commissions for addressing to the specific issues of Teacher Education. A large number of teachers were found untrained and attempt was made to clear the backlog. The main concerns of teacher education were pertaining to both quality and quantity.
The present study was aimed to see the relationship of cultural activities of college students wi... more The present study was aimed to see the relationship of cultural activities of college students with the brain hemisphere domination. For the present study 120 boys and girls from age group of 20 to 30 years respectively were selected from various department of Pt. RSS University, Raipur. The researcher was used Brain Dominant Hemisphere Test (B.H.D.T) prepared by Agashe and Helode (2007). Cultural inventory prepared by self-made was used. Statistical technique Pearson's correlation coefficient was used. The researcher found that the there is no relationship with brain hemisphere domination and cultural activities of college students.
शिक्षा व्यक्ति की अंतनिर्हित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रकिया है। यह प्रक्... more शिक्षा व्यक्ति की अंतनिर्हित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रकिया है। यह प्रक्रिया उसे समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। प्रमस्तिष्क का अर्थ मस्तिष्क तन्तुओं के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का नियंत्रण केन्द्र है। मस्तिष्क के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगो के कार्यों का नियंत्रण एवं नियमन होता है। वृहद मस्तिष्क के दो भाग होते है- बायां भाग तथा दायाँ भाग इसको प्रमस्तिष्क की संप्रभुता कहा जाता है। पाठ्य सहगामी गतिविधियों विद्यार्थियों के बौद्धिक, भावात्मक, सामाजिक, नैतिक और सौन्दर्यात्मक विकास में अहम् भूमिका निभाते है। ये गतिविधियों विद्यार्थियों को खेल अभिनय गायन, पाठ याचन व परिचर्चा आदि में भागीदारी हेतु प्रोत्साहित करती है तथा सामाजीकरण, आत्म-अनुशासन व आत्म-मूल्यांकन का मार्ग प्रशस्त करती है। प्रस्तुत शोध अध्ययन में विधार्थियों के प्रमस्तिष्क की संप्रभुता एंव पाठ्य सहगामी क्रियाओं में सहभागिता के मध्य कोई सम्बन्ध नहीं पाया गया है। Keywords: प्रमस्तिष्क की सम्प्रभुता एवं पाठ्य सहगामी क्रियाएं।
The present study was conducted to assess the correlation between home environment and adjustment... more The present study was conducted to assess the correlation between home environment and adjustment of adolescent students of Raipur City. A sample of 120 students, age group between 13-18 years had been taken from randomly selected schools, out of which 8 secondary schools. The sample was collected by using simple random sampling technique. Descriptive survey method was used to collect data. The tools used for this study were (1) Home Environment Scale developed by A. Akhtar and S. B. Saxena (2011) and (2) Adjustment Inventory developed by A K Singh and A. Sen Gupta. After the data analysis and interpretation it is concluded that, there were found a good correlation between adjustment problems on all dimension of home environment.
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Papers by Dr. Amitesh Kumar Singh
मूल शब्दरू शिक्षा अधिकार अधिनियम एवं अपवंचित विद्यार्थी।
संकेत शब्द- शिक्षक शिक्षा, शिक्षा का निजीकरण, गुणवत्ता एवं शैक्षिक व्यवसायीकरण।
मूल शब्दरू शिक्षा अधिकार अधिनियम एवं अपवंचित विद्यार्थी।
संकेत शब्द- शिक्षक शिक्षा, शिक्षा का निजीकरण, गुणवत्ता एवं शैक्षिक व्यवसायीकरण।