बढ़े हुए दोषों की चिकित्सा
पंचकर्म एवं मानसिक स्वास्थ्य
दैव्यापाश्रय चिकित्सा
मेध्य रसायन
निद्रानाश (Insomnia) का इलाज
सार संक्षेप
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Ayurveda in Mental Health Care
1. मानसिक िमस्याओं के
िमाधान में आयुर्वेद की भूसमका
Less explored holistic approach in the treatment of
modern psychological disorders
2. मानसिक िमस्याओं के िमाधान में बढ़ें हुए
दोषों की चिककत्िा
• बढ़े हुए दोषों का ननदान-लक्षणों के द्र्वारा
• बढ़े हुए दोषों की चिककत्िा-र्वातज, पित्तज, कफज उन्माद आदद में
• बढ़े हुए दोष को कम करें ऐिे औषध,
• बढ़े हुए दोषों का शोधन करें ऐिे कमम,
• दोषों िे पर्विरीत गुण र्वाले आहार-पर्वहार (जो दोषों को और ज्यादा न बढादें)
• त्रिदोष प्रकृ नत िररक्षण(जजििे रोग कष्टिाध्य है या
3. िंिकमम
• उन्माद, अननद्रा आदद में
• स्मृनत आदद मानि शजततयां बढ़ाने के सलए
• मानिरोगों की रोकथाम में
• ररलैतिेशन तकनीक के रूि में
5. युजततव्यािाश्रय चिककत्िा
• औषचधयुतत घी-मानसिक मंदता, उन्माद आदद में
• िारस्र्वत िूणम-बुद्चध, स्मृनत आदद मानि शजततयों को बढ़ाने में
• िारस्र्वताररष्ट-बुद्चध, स्मृनत आदद मानि शजततयों को बढ़ाने में
• लोह भस्म-दहमोग्लोत्रबन की कमी के कारण होने र्वाले स्रेि में
• रि औषचध
7. ित्र्वार्वजय-Psychotherapy
• आयुर्वेदीय िरामशम (आहार-पर्वहार िे िंबंचधत)-िभी मानिरोगों में
• आिार रिायन तथा आयुर्वेदीय जीर्वन दशमन-मानिरोगों की रोकथाम
में
• आयुर्वेदीय व्यजततत्र्व िरीक्षण
• िदाथम पर्वज्ञान
8. अन्य मानसिक िमस्याओं के िमाधान में
आयुर्वेद की भूसमका
• समगी, मदात्य आदद की चिककत्िा
9. ननद्रानाश (Insomnia)कारण एर्वं उिाय
• शय्या का मनोनुकू ल न होने िे,
• तमोगुण का नाश होने िे, ित्र्वगुण की प्रधानता िे,
• ककिी पर्वशेष कायम में लग जाने िे
• जो काल शयन के सलए अभ्यस्त नहीं उि िमय ननद्रा नहीं आती|
• र्वात एर्वं पित्त प्रकृ नत के व्यजततयों में, तथा पर्वकृ त रूि िे र्वात या पित्त के बढ़
जाने िे ननद्रा नहीं आती है|
10. ननद्रानाश (Insomnia)
िरक िंदहता के अनुिार शरीर में
• पर्वरेिन िे,
• र्वमन िे,
• भय, चिन्ता, क्रोध िे
• धूम्रिान, व्यायाम, रततमोक्षण िे,
• उिर्वाि िे,
11. महपषम िुश्रुत के अनुिार
• र्वायु के कारण
• पित्त के कारण
• मन के िंताि िे
• रिादद धातु की क्षीणता िे
• िोट आदद के लगने िे ननद्रानाश होता है
• र्वातज प्रकृ नत के लोगों में, पित्तज प्रकृ नत के लोगों में, र्वात-पित्तज प्रकृ नत के
लोगों में ननद्रा कम होती है|