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वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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वैश्विक

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि किशोरियाँ अंतरंग साथी हिंसा का शिकार होती हैं.
© UNICEF/Olivier Asselin

WHO: अन्तरंग साथी हिंसा से पीड़ित हैं लाखों युवतियाँ

संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि अपने साथी के साथ सम्बन्ध रखने वाली सभी किशोर लड़कियों में से लगभग एक चौथाई, यानि क़रीब 1.9 करोड़ लड़कियाँ, 20 वर्ष की आयु तक अन्तरंग साथी के हाथों हिंसा का अनुभव कर चुकी होती हैं.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ) और अन्तरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बैश, पेरिस ओलिम्पिक खेलों के आरम्भ के मौक़े पर.
© IOC/Greg Martin

पेरिस ओलिम्पिक शुरू, ‘ओलिम्पिक सन्धि’ का सम्मान करने का आग्रह

इस वर्ष के ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक खेल, पेरिस में शुक्रवार को आरम्भ हो गए हैं. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस मौक़े पर ‘ओलिम्पिक सन्धि’ को वैश्विक सम्मान दिए जाने का आहवान किया है, जिसे ओलिम्पिक खेलों के आसपास युद्धक गतिविधियों और टकरावों को रोकने की परम्परा माना जाता है.

संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून, यूएन मुख्यालय में ओलिम्पिक मशाल थामे हुए. अक्टूबर 2009 में हुआ ये कार्यक्रम ओलिम्पिक सन्धि/मशाल को समर्पित था.
UN News

ओलिम्पिक सन्धि से मिलती है शान्ति की मशाल को रौशनी

ओलिम्पिक सन्धि नामक प्राचीन यूनानी परम्परा 9वीं सदी से निकली, जब युद्धरत पक्षों में, ओलम्पिक खेलों के लिए सुरक्षित रास्ता देने के वास्ते, युद्ध रोकने पर सहमति बनी थी. यह सन्धि आज भी, दुनिया भर में उथल-पुथल के दौर में शान्ति की मशाल को रौशनी दे रही है. पेरिस ओलम्पिक खेलों के अवसर पर एक वीडियो फ़ीचर...

गर्मी से परेशान, मैक्सिको के कृषि श्रमिक.
© ILO/Rafael Duarte

गर्मी का तनाव, पहले से कहीं अधिक श्रमिकों को कर रहा है पस्त: ILO

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन ILO की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘साइलैंट किलर” मानी जाने वाली अत्यधिक गर्मी, दुनिया भर में कहीं अधिक श्रमिकों के स्वास्थ्य व जीवन के लिए जोखिम पैदा कर रही है.  

मानवाधिकार परिषद का एक दृश्य. (फ़ाइल)
UN Photo/Jean-Marc Ferré

भारत सहित कुछ देशों की स्थिति के बारे में मानवाधिकार कमेटी के निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार कमेटी ने, अपने सत्र में सात देशों में मानवाधिकार स्थिति के बारे में अपने निष्कर्ष जारी किए हैं. इन देशों के नाम हैं – भारत, मालदीव, क्रोएशिया, हौंडूरास, माल्टा, सूरीनाम, और सीरिया अरब गणराज्य.

दुनिया भर में झुलसती गर्मी ने, सैकड़ों-हज़ारों लोगों की ज़िन्दगियाँ छीन ली हैं.
© ILO/Bobot Go

गर्मी जारी है: बढ़ते तापमान का सामना करने के लिए कमर कसने की पुकार

दुनिया भर में तापमान वृद्धि जारी रहने के साथ ही, अत्यधिक गर्मी के रौंगटे खड़े कर देने वाले प्रभाव सामने आ रहे हैं, जिनसे अरबों लोग त्रस्त हैं. यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया भर में एक बड़ी आबादी को इस अत्यन्त गम्भीर गर्मी की झुलसन से बचाने की पुकार लगाई है.

माली की लगभग एक चौथाई आबादी, गम्भीर स्तर के खाद्य अभाव का सामना कर रही है.
© UNICEF/Tiécoura N’Daou

वैश्विक भूख स्थिति के विरुद्ध संघर्ष की रफ़्तार 15 वर्ष धीमी

दुनिया भर में भूख के ख़िलाफ़ संघर्ष में प्रगति को 15 वर्ष का झटका लगा है जिसके कारण वर्ष 2023 में लगभग 73 करोड़ 30 लाख लोगों को भूखे पेट रहने के लिए विवश होना पड़ा है. विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति पर बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये संख्या 11 में से एक व्यक्ति के बराबर है.

एड्स को 2030 तक समाप्त करने के लिए, HIV सेवाओं में जान फूँकने का आहवान किया गया है.
© UNAIDS Thailand/Cedriann Mart

2030 तक एड्स समाप्ति के लिए HIV सेवाओं में जान फूँकने की पुकार

अगर एड्स को वर्ष 2030 तक समाप्त करना है तो इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देशों में, बिना देरी किए HIV सेवाओं में इज़ाफ़ा किया जाना ज़रूरी है.

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लैवरॉफ़ ( मेज़ पर बाएँ से तीसरे), सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए. जुलाई (2024) महीने के लिए, सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता रूस के पास है.
UN Photo/Loey Felipe

ध्रुवीकरण में घिरी सुरक्षा परिषद में, बहुपक्षवाद के मतलब पर चर्चा

दुनिया और अन्तरराष्ट्रीय परिदृश्य इस समय जिस राजनैतिक ध्रुवीकरण के शिकार हैं, उसकी एक स्पष्ट झलक आज यानि मंगलवार को, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में देखने को मिली.

प्राकृतिक इतिहास पर अमेरिकी संग्रहालय में महासागरीय जीवन पर मिलस्टीन हॉल में नीली व्हेल का चित्रण. (फ़ाइल)
UN Photo/Mark Garten

पृथ्वी पर तिहरा संकट: भावी व्यवधानों व चुनौतियों पर केन्द्रित, UNEP की नई रिपोर्ट

मौजूदा दौर में, वैश्विक स्तर पर ऐसे आठ महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं, जिनसे पृथ्वी पर मंडराते तिहरे संकटों – जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण व कचरा – के गहराने की गति तेज़ हो रही है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद (ISC) की एक नई रिपोर्ट में यह निष्कर्ष साझा किया गया है.